Essay On My Family In Hindi:- अगर आपने निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया है और उसमे आपको मेरे परिवार पर निबंध लिखना है तो उसके लिए आप हमारे इस आर्टिकल को पढ़ सकते है, और अगर आपको हमारे ये आर्टिकल पसंद आये तो आप अपनी प्रतियोगिता में इसी निबंध को लिख भी सकते है।
मेरे परिवार पर निबंध लिखने के लिए आप उसमें अपने परिवार के बताना होता है कि आप अपने परिवार के बारे में क्या सोचते है, इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको एक पैटर्न मिल जाएगा कि किस तरह से निबंध लिखा जा सकता है।
उम्मीद करता हूँ कि आपको ये निबंध जरूर पसंद आएगा, इसको शेयर करना न भूले।
मेरे परिवार पर निबंध [Essay On My Family In Hindi]:-
परिवार किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन का पहला स्कूल है, आपके परिवार के मूल्य और परंपराएं आपकी पहली और मूल्यवान संपत्ति हैं। मेरा परिवार बहुत ही अच्छा है, मैं अपने परिवार के सभी सदस्यों से प्यार करता हूं।
मेरे माता-पिता दोनों ही काम करते हैं। मेरे दादा-दादी भी हमारे साथ ही रहते हैं। मेरे दादाजी एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी हैं (Retired Army Officer ), उन्हें पेंशन मिलती है , वह अनुशासन के बहुत पक्के हैं।
सभी को सुबह 6 बजे से पहले सुबह की सैर (Morning Walk) लिए तैयार होना पड़ता है। कभी कभी हम इस बात से बहुत परेशान भी हो जाते है मेरे माता-पिता के पास इस बात कोई विकल्प नहीं है।
वह हमे समझाते हैं कि जीवन में आगे चलकर यह अनुशासन ही हमारे जीवन का आधार बनेगा। जो व्यक्ति अनुशासित नहीं होता वह कभी जीवन में सफल नहीं हो सकता।
आज यहाँ मैं अपने परिवार के ऊपर एक निवंध लिख रहा हूँ जिसमे मैं अपने परिवार की सभी विशेषताओं को शामिल करने का प्रयास करूँगा।
मेरा परिवार पूर्ण रूप से एक अनुशाषित और सभ्य परिवार है –
यदि आप मेरे घर पर आते हैं, तो आपको ठीक से कपड़े पहनने होंगे। आप हमारे ड्राइंग रूम में गंदे पैरों के साथ नहीं बैठ सकते। यह शिष्टाचार (Manners ) के खिलाफ है। मेरी दादी बहुत मृदुभाषी (Soft Spoken) और सौम्य हैं। वह नाश्ता तैयार करती है और हमें तैयार होने में मदद करती है।
हालांकि कुछ समय पहले तक बहुत सक्रिय और मेहनती थी । वह हमारे घर की पर्याप्त देखभाल करती है और इसे साफ, स्वच्छ और चमकदार रखने में मदद करती है, पर अब अपनी उम्र के साथ उनकी सक्रियता थोड़ी कम हो गई है।
अब वो अधिक समय पूजा पाठ में देती है , पर जब भी समय मिलता है हम सब उन्हें घेर कर बैठ जाते हैं ओत वो हमे मजेदार कहानियाँ सुनाती हैं।
हमारे दादा जी भी कभी कभी हमे अपनी फ़ौज के किस्से सुनाते हैं जिन्हें सुनकर हम भी देश भक्ति से भर उठते हैं,
दादाजी हमे देश की आज़ादी के किस्से भी सुनाते हैं। वो आज भी अपनी सेहत का पूरा ध्यान रखते हैं इसलिए इस उम्र में भी वह काफी चुस्त दुरुस्त हैं।
मेरा परिवार और मेरे पिता जी –
मेरे पिताजी एक Doctor हैं वो अक्सर अपने काम की वजह से बहुत व्यस्त (Busy ) रहते है | पर मुझे उनपर गर्व है वो कई गरीब व्यक्तियों का इलाज मुफ्त में कर देते हैं अक्सर रात में जब कोई मरीज़ आता है।
तो हम परेशान हो जाते हैं पर मेरे पिताजी कभी नहीं उलझते वो हमेशा अपने कर्तव्य का पालन करते हैं , पिताजी अक्सर कहते हैं की Doctor बनने का उद्देश्य समाज सेवा होना चाहिए न कि धन कमाना, मैं भी बड़ा होकर अपने पिताजी जैसा ही बनना चाहता हूँ।
मेरा परिवार और मेरी माँ –
मेरी मां दुनिया की सबसे बेहतरीन महिला हैं। वह किसी चीज में दखल नहीं देती। वह एक Private School में Teacher के रूप में काम करती है। उन्हें सुबह बहुत जल्दी उठना पड़ता है, और पूरे परिवार के लिए भोजन बनाना पड़ता है।
उसके बाद वह तुरंत ही तैयार होकर अपने काम के लिए निकल जाती हैं, जब शाम को वह घर आती हैं तब भी कोई थकान उनके चेहरे पर दिखाई नहीं देती वह हमेशा मुस्कुराती रहती है।
जब वह घर लौटती है, तो मुस्कान सभी के चेहरे पर लौट आती है। घर आकर वह फिर से काम में लग जाती हैं फिर पढ़ाई में हमारी मदद भी करती हैं मेरी माँ आस पास के गरीब बच्चो को भी पढ़ाती हैं।
उनको कहना है कि विद्या दान ही सबसे बड़ा दान होता है, वह हमारे पूरे परिवार का बहुत ख्याल रखती हैं वह दुनिया की सबसे अच्छी माँ हैं जब हमे कोई परेशानी या उलझन होती है।
तो हम उनसे सलाह लेते हैं और वह हमेशा हमे सही सलाह देती हैं सच माँ इस धरती पर भगवान का वरदान है।
मेरा परिवार और मेरी बहन –
मेरी एक बड़ी बहन भी है जो कक्षा 12 वी में पढ़ती है वो पढ़ाई में बहुत होशियार है हमेशा Class में First आती है ,वो Drawing , Painting , Singing में भी बहुत अच्छी है काफी सारे Certificates और इनाम जीत चुकी है।
इस बार वह ज़रूर प्रदेश में First आएगी। उसे गणित विषय बहुत पसंद है और वह आगे जाकर Engineering में प्रवेश लेना चाहती है।
वो पूरे समय पढ़ाई में लगी रहती है पर जब भी समय मिलता है वो मेरे साथ बात करती है माँ की मदद करती है और Painting बनाती है उसने मेरी भी एक Painting बनाई है जो बहुत सुन्दर है।
वैसे हम लोग अक्सर झगड़ते भी हैं पर मैं उसको बहुत प्यार करता हूँ | मैं भगवान से प्राथना करता हू कि वो अपने सपने ज़रूर पूरे करे |
मेरा परिवार और मैं –
मैं परिवार में सबसे छोटा हूं। हालांकि मैं दसवीं कक्षा का छात्र हूं, लेकिन पूरा परिवार मुझे एक छोटे बच्चे के रूप में मानता है। कोई मुझे मेरे सही नाम से नहीं पुकारता। मैं उन सभी के लिए ‘बाबा’ हूं।
कभी कभी यह मेरे लिए बहुत ही Shamefull भी हो जाता है जब पिताजी या माँ मुझे मेरे दोस्तों के सामने ‘बाबा ‘ कहते हैं फिर मेरे दोस्त मुझे इस नाम से चिड़ाते हैं |
पर मैं जानता हूं कि यह मेरे माता पिता का प्यार है इसलिए मैं इस बात का बुरा नहीं मानता |
मैं पढ़ाई में अपनी बहन की तरह होशियार नहीं हूँ जिसकी वजह से लोग अक्सर मुझे उससे Compare करते रहते हैं ,मुझे बहुत बुरा लगता है पर मेरे माता –पिता कभी हम दोनों में कोई भेद भाव नहीं करते वो हम दोनों को बहुत प्यार करते हैं।
मैं Cricket बहुत अच्छा खेलता हूँ ,स्कूल की Cricket Team का Captain भी हूँ पिता जी ने मुझे Cricket Academy में Join करवाने का वादा भी किया है मगर मेरी 10 वी की परीक्षा के बाद।
मैं इस बार बहुत मेहनत करूंगा ताकि मैं First Devision से पास हो जाऊं और मेरे पिताजी मुझे Cricket Academy में भेज दें, मैं अपनी माँ के बहुत करीब हूँ वैसे मैं अपने पिता जी से भी बहुत प्यार करता हूँ पर माँ मेरी Best Friend है वो मेरी हर बात को समझती है।
और मेरा साथ देती है पिताजी कभी कभी गुस्सा होते हैं पर वो मेरी किसी ग़लती की वजह से ही होता है , हाँ दादाजी से तो अक्सर ही डांटते पड़ती रहती है क्यूंकि सुबह जल्दी उठना मेरे लिए किसी सज़ा से कम नहीं है,
दादी मुझसे बहुत प्यार करती है वो मेरे लिए मेरी पसंद का खाना बनाती है और मेरे Room की सफाई में भी मेरी मदद कर देती है , क्यूंकि उन्हें आज भी यही लगता है कि मैं बहुत छोटा हूँ।
मेरा परिवार और मनोरंजन –
हमारे आस पडोस के लोगों से भी हमारे सम्बन्ध बहुत अच्छे हैं, हर Sunday को माँ और मोहल्ले की सभी महिलाऐं मिलकर कोई नया प्रोग्राम बनता हैं कभी अचार बनता है तो,
कभी पापड़ और कभी Sweater और पिताजी और दादाजी भी अपने दोस्तों के साथ खूब मज़े करते हैं। हम सब दोस्त भी मिलकर Cricket खेलते हैं साथ में पढ़ाई करते हैं और खूब मस्ती करते हैं।
छुट्टियों में अक्सर हम नाना जी के घर जाते हैं , जहाँ नानी जी हमारे लिए हमारी पसंद की बहुत साड़ी चीज़े बनाकर रखती हैं। हम सारा दिन खेलते हैं और मस्ती करते हैं और खूब पतंग उड़ाते हैं,
Cycle चलाते हैं बहुत मज़ा आता हैं। पूरे साल हम छुट्टियों का इंतज़ार करते हैं ताकि हम नाना नानी के घर जा सके।
मेरा परिवार एक आदर्श परिवार –
मेरा परिवार एक आदर्श परिवार है जहाँ सभी लोग मिल जुलकर और प्रेम से रहते हैं अनुशासन और संयम हमारे परिवार की नींव है। हम लोग हमेशा दूसरों की मदद करते हैं ,
बिना किसी बात के बहस करना हमारे संस्कार नहीं हैं। हम सभी एक दुसरे की भावनाओं की कद्र करते हैं और एक दुसरे की Respect करते हैं। बड़ों का सम्मान और छोटों से प्यार यही हमारे परिवार की मुख्य सीख है।
किसी भी संकट के समय हम एक जुट होकर उसका सामना करने के लिए तैयार हैं। माता पिता , दादा दादी और मेरी बहन सब आपस में एक सूत्र में बंधे हैं। कभी कभी कोई गलत फहमी हो जाती है तो हम उसे आपस में बात कर के सुलझा लेते हैं।
और एक दुसरे के लिए सदेव ढाल बनकर खड़े रहते हैं मेरे सभी दोस्त मेरे परिवार की बहुत तारीफ़ करते हैं और हमेशा अपने लिए मेरे जैसे परिवार की कल्पना करते हैं।
मुझे अपने परिवार से कोई शिकायत नहीं है मैं बहुत ही भाग्यवान हूँ की मुझे ऐसा परिवार मिला मैं इश्वर से प्राथना करता हूँ कि मेरे परिवार की खुशियाँ सदा बनी रहे और हम हमेशा ऐसे ही मिलजुलकर रहें।
तो दोस्तों, यहाँ पर हमारा आज के इस आर्टिकल (Essay On My Family In Hindi) Mera Parivar Essay In Hindi मे बस इतना ही और यदि आप और भी अच्छे-अच्छे आर्टिकल पढ़ना चाहते है तो androidgyani.com यानि इसी ब्लॉग पर जाकर पढ़ सकते है।